राष्ट्र - चेतना

''हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए , अब इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए , सिर्फ हंगामा खडा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए , मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही , हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए ..........................''

Friday, October 14, 2011

सोनिया गांधी की यात्रा का खर्च 1850 करोड़

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सोनिया गांधी की यात्रा का खर्च 1850 करोड़ इतना खर्चा तो प्रधानमंत्री का भी नहीं है : पिछले तीन साल में सोनिया की सरकारी ऐश का सुबूत, सोनिया...
Thursday, August 4, 2011

लव जेहाद: क्यों, कैसे, नुकसान और बचाव क्यों?

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भारत में जब इस्लामी सेनाए हमला करने को तैयार ना होती थी क्यों की आर्य भूमि से इस्लामिक सेनाए जिंदा वापस नहीं जाती थी , उस वक्त भारत के मंदिर...
Friday, July 8, 2011

शिक्षा का वामपंथीकरण, पढ़ो गांधी की जगह लेनिन

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सो च रहा था कम्युनिस्ट इस देश की सभ्यता व संस्कृति को मान क्यों नहीं देते? ध्यान में आया कि उनकी सोच और प्रेरणास्रोत तो अधिकांशत: विदेशी हैं...
Sunday, March 13, 2011

राष्ट्र - चेतना: स्विसबैंक काला धन वापस लाओ

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राष्ट्र - चेतना: स्विसबैंक काला धन वापस लाओ

स्विसबैंक काला धन वापस लाओ

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स्विसबैंक काला धन वापस लाओ - *पूरी दुनिया में कर चोरी और भ्रष्ट-आचरण से कमाया गया धन सुरक्षित रखने का पहली पसंद स्विस-बैंक रहे हैं, क्योंकि...
Thursday, March 3, 2011

पंडित दीनदयाल जी

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जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय का स्थान भारतीय चिंतन परंपरा में काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय चिंतन परंपरा में उनकी महत्ता इसलिए ...
Friday, September 4, 2009

बोले सो करना गांधी जी

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राहुल गाँधी जी ने अभी हाल ही में स्वीकार किया की हमारे यहाँ दो हिदुस्थान है देर से ही सही किसी ने तो स्वीकार किया असलियत को लेकिन हमारे यहाँ...
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मेरे लिए धर्म का अर्थ है कार्य के प्रति समर्पण और समर्पण भाव से काम करना , मतलब धार्मिक होना .

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बिहारी सिंह सोलंकी
श्योपुर / मुम्बई, म.प्र., India
'' शून्य नभ से मोह छोडो अब धरा से प्यार सीखो , दर्द के द्वारे सदा रचना नया त्यौहार सीखो , और पथ की मुश्किलें तो शक्ति देने के लिए हैं , जीतना है मृत्यु को तो मृत्यु से खिलवार सीखो . ''
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