Wednesday, August 19, 2009

हम फसल विशेली काट रहे ,बिष व्रछो को अपना कहकर

हमने अँधियारा माँगा है ,उजियारे को गिरवी रखकर

पाकिस्तान एक तरफ सीमा पर हमले का सड़यंत्र करता है तो दूसरी और पाकिस्तान में नियुक्त भारत के कार्यवाहक उप उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में बुलाकर खुफिया जानकारी देने को कहता है जनाब इसी को कहते है ''उल्टा चोर कोतबालको डाटे'' इतना ही नही पाकिस्तानी मीडिया भी सुरमिलाता हुआ कहता है की भारतीय प्रधानमंत्री को सार्बजानिक बयान जारी करने से पहले पाकिस्तान को इस सम्बन्ध में भरोसे मंद सूचना पाकिस्तान को उपलब्ध करानी चाइए थी क्योंकि शर्म-अल - शेख में गिलानी साहब और मनमोहन जी के बीच खुफिया सूचनाओ को आदान प्रदान करने की सहमति बनी थी !अब कोंन समझाए पाकिस्तान को की हलचल उनकी सीमा पर भारत के विरुद्ध हो रही थी पर हमारे सत्ताधीशों तो अमेरिकी वैशाखियो पर चलने को मजबूर है ,पर भुगतना तो जनता को पड़ता है

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