''हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए , अब इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए , सिर्फ हंगामा खडा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए , मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही , हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए ..........................''
Tuesday, August 18, 2009
संकटों से सावधान प्रधानमंत्री जी
जिस तरह से माननीय मनमोहन जी ने समग्र वार्ता से आतंकवाद क मुद्दा ही छोड़ दिया बलुचिस्थान के विषय को कश्मीर के साथ जोड़ दिया उसी का परिणाम है की आज सीमा के पार हलचल दिखाई दे रही है! गनीमत है, प्रधानमंत्री जी पाकिस्थान ने अभी हमला नहीं किया क्यांकि उसकी रगों में ही फितरत है !अभी आप सरकार और जवानों को सावधान कर रहे ,कभी जनता को सावधान किया जाता है !हम कब तक सावधान रहे क्या पाकिस्थान ने भारत के कारण सावधनी बरती है!हम सब तो आपकी बातो से सावधन होजाते है पर प्रधानमंत्री जी अब तो कुछ एसा करिए की पाकिस्थान सहित अन्तराष्ट्रीय विरादरी भी आपकी बात सुनकर गंभीर और सावधान हो जाये !नेपाल के माओवादी भी भारत की सीमा स्तम्भ'६२५'६२३'६१८ तोड़कर भारत में घुसकर माओवादी झंडा लहराते है !उधर अरुणाचल से लगी ४००० हजार सीमा पार चीन ने मजबूत तैयारी कर रखी है!मजबूत सड़केऔर सेंकडो हवाई पट्टी बना ली है!श्रीलंका में हमारी सरकार से भी उन्हें काफी अपेछांये थी एल० टी०टी०इ०के खिलाफ सहायता की लेकिन राजीव गांधी जी के बाद १९८७ से हमने श्रीलंका और तमिलों के बीच हस्तछेप करना भी उचित नहीं समझा जबकि भारत को दोनों के बीच सुलह करनी थी जिसके लिए श्रीलंका सरकार भी तैयार थी!लेकिन आज प्रभाकरन के सफाए के बाद २.८ लाख तमिल बहां शिवरों में है !ऐसी स्थति में हमें उनकी सहायता कर श्रीलंका और तमिल दोनों की सहानुभूतिप्राप्त कर सकते क्योंकिश्रीलंका सामरिक द्रष्टि से हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है ! आप देश के चारो तरफ नजर घूमा के तो देखिये खतरे ही खतरे नजर आंयगे !अभी आपने पूर्वोत्तर के लिए ७५० करोड़ रुपये विकास के नाम देकर भले ही बहा की समस्यायों को कम करने का प्रयास किया है !पर पूर्वोत्तर में जो भी धन केंद्र सर्कार से प्राप्त होता है उसका १० प्रतिशत हिस्सा उग्रवादियों को दे दिया जाता है यह बात बहां के प्रशाशक मोहित होजाई को पुलिस गिरफ्तार करती है! वह स्वीकार करता है!"दीमा हलाम दोगा '' नामक उग्रवादी संगटन और उसकी एक शाखा ''ब्लेक विंडो ''कोकेंद्र से प्राप्त राशिः का १०प्र्तिशत हिस्सा जाता है जाता है!उग्रवादी सरकारी शस्त्रगारो से ही कई बार शस्त्र प्राप्त करते है!जिलेटिन की छडे जो विस्फोटो में उपयोग में आती है उन्हें सरकारी गोदामों से ही प्राप्त होती है!इस तथ्य की पुष्टि मेघालय सीमा पर पकडे गए दो ''डी0 एच० डी०''उग्रवादियों की स्वीकारोक्ति से होती है !जिनके पास १ करोड़ नगदी भी पकडा गया! तो माननीय प्रधान मंत्री जी आपको ध्यान देने की जरुरत है की विकास के नाम पर केंद्र से प्राप्त राशिः का १०प्र्तिशत हिस्सा जाता है अत विकास के लिए दी गयी राशिः विनाश ;के लिए उपयोग न हो
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सहमत हू आप से
ReplyDeletedanyabad jee
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